वाणिज्य (कॉमर्स) एक शब्द मात्र नहीं, अपितु विश्व की अर्थव्यवस्था का केंद्र है। बिना वाणिज्य व्यवस्था के किसी भी देश का आर्थिक विकास संभव नहीं है। वाणिज्य अपने आप में एक विस्तृत विषय वस्तु है वाणिज्य के अंतर्गत कच्चे माल को खेतों और खदानों से लाकर उसे निर्मित करके वापस उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की समस्त प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है। अर्थात वाणिज्य में यातायात, उद्योग, बैंकिंग, बीमा, भंडारण, विपणन,जैसी अनेक प्रक्रियाएं शामिल होती है।
यातायात
कच्चे माल को खेतों और खदानों से कारखानों तक पहुंचाने और निर्मित माल को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में सड़क मार्ग, रेल मार्ग, जल मार्ग और वायु मार्ग की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उद्योग
उद्योग वह निर्माणी संस्थाएं होती है जहां पर कच्चे माल से आवश्यकता और उपयोगिता के आधार पर मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उत्पादन कार्य किया जाता है। जैसे - कपड़ा उद्योग, लोह एवं इस्पात उद्योग, शक्कर उद्योग आदि।
बैंकिंग
किसी भी निर्माणी इकाई अर्थात उद्योगों को वित्त अर्थात पूंजी की आवश्यकता होती है। वित्तीय संस्थाएं और बैंक्स वित्त व्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
बीमा
किसी भी प्रकार की निर्माणी इकाई हो या सेवा क्षेत्र जोखिम हमेशा बनी रहती है। ऐसी जोखिम से बचाने के लिए बीमा कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बहुत कम प्रीमियम चार्ज कर हमें भविष्य में होने वाली हानि से बचाने का कार्य करती है।
भंडारण
कच्चे माल एवं निर्मित माल को खराब होने से बचाने के लिए और आवश्यकता अनुसार बाजार में आपूर्ति करने के लिए भंडारण अर्थात गोदाम महत्वपूर्ण होते हैं
विपणन
वाणिज्य के अंतर्गत यातायात, बैंक, बीमा, भंडारण, आदि का अपना महत्वपूर्ण योगदान होता है। किंतु उससे भी अधिक योगदान विपणन का होता है क्योंकि विपणन के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को वस्तु विशेष की जानकारी दी जाती है और उपभोक्ताओं तक वस्तुओं को पहुंचाने का कार्य किया जाता है।
व्यापार एवं व्यवसाय
वस्तुओं का क्रय-विक्रय वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। जहां पर उत्पादकों से माल क्रय कर उपभोक्ताओं तक पहुचाने का कार्य किया जाता है। ताकि उपभोक्ता अपनी आवश्यकता और उपयोगिता के आधार पर वस्तुओं एवं सेवाओं को क्रय कर सकें।
विवेचना
थोडी देर के लिए सोचिए यदि यातायात के साधन न हो, उद्योग न हो,बैंक न हो, बीमा कंपनियां न हो तो यह संसार कैसा लगेगा। उपरोक्त विवेचन से हम समझ सकते हैं की विश्व की अर्थव्यवस्था में वाणिज्य अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वाणिज्य के बिना किसी भी देश के आर्थिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।
उपयोगिता-
कोई भी व्यक्ति वाणिज्य विषय का गहन अध्ययन कर न सिर्फ अपने भविष्य को उज्जवल कर सकता है अपितु वह देश के आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। वह एक अच्छा ट्रांसपोर्टर, बैंकर,या उद्योगपति बन सकता है।सेवा क्षेत्र में जाकर अच्छा अर्थशास्त्री बन सकता है।विपणन एवं भंडारण का कार्य भी कर सकता है।
(डिस्क्लेमर: उक्त आलेख लेखक द्वारा संकलित है अथवा लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए श्री उमिया कन्या महाविद्यालय उत्तरदायी नहीं है.)