महाविद्यालय की सोनिका ने विश्व के सबसे ऊंचे एकल पर्वत को किया फतह; यूं ही पूरा नहीं हुआ देवास से दक्षिण अफ्रीका का सफर

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लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती... उक्त पंक्तियों को चरितार्थ किया है महाविद्यालय की छात्रा सोनिका जाट ने... देवास जिले के ग्रामीण अञ्चल से आने वाली छात्रा ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी 'किलिमंजारों' को छूने तक की यह यात्रा महज 20 वर्ष की अल्पआयु में पूर्ण की है। यह दुनिया के सात शिखरों में से पाँचवा सबसे ऊंचा शिखर है। 

श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री उमिया कन्या महाविद्यालय की B.Sc. तृतीय वर्ष में अध्ययन कर रही सोनिका ने यह मुकाम अपनी कड़ी मेहनत से प्राप्त किया है। 10 मार्च को शहर से निकली सोनिका 22 मार्च को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लौटी। 

इसके पूर्व छात्रा ने भारत की ऊंची चोटी माउंट थेलु की चढ़ाई का सफर भी सफलतापूर्वक पूर्ण किया था। 

ट्रस्ट अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम मुकाती, श्री ओमप्रकाश सेठ, सचिव श्री महेंद्र पाटीदार, श्रीमती इंदिरा पाटीदार, युवराज पाटीदार ने छात्रा को पुरस्कृत कर हार्दिक बधाई दी। उक्त कार्य हेतु सहयोगी रहे प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़, एनसीसी अधिकारी कैप्टन नम्रता सावंत ने भी हार्दिक बधाई दी।


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