आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बिजली बचत की है। यदि समय रहते हुए ऊर्जा का संरक्षण कर लेंगे तो आने वाली पीढ़ियों को ऊर्जा की कमी के गंभीर संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। विद्युत उपकरण खरीदते समय ध्यान देने की आवश्यकता है। किसी भी उपकरण को खरीदते समय उसकी स्टार रेटिंग, ऊर्जा दक्षता अनुपात, आदि ऊर्जा संबंधी जानकारी को अवश्य देखे।
उक्त विचार श्री उमिया कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित ऊर्जा संरक्षण विषयक सेमीनार में पूषण रिनिवेबल इनर्जी प्रायवेट लिमिटेड कंपनी की संस्थापक एवं प्रबंध संचालक डॉ. सुष्मिता भट्टचर्जी ने व्यक्त किए।
डॉ. भट्टचर्जी ने कहा कि मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण विषय पर सेमीनार आयोजित करना स्वर्णिम मध्य प्रदेश की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाता है। मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के ग्रामीण अञ्चल में स्थित श्री उमिया कन्या महाविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है। पूरे महाविद्यालय परिसर में लगे एलईडी बल्ब, महाविद्यालय की छत पर लगे सोलर पैनल ऊर्जा संरक्षण में महाविद्यालय के योगदान को दिखाते है।
डॉ. सुष्मिता ने कहा कि आज ऊर्जा संरक्षण नाम सुनते ही छत पर लगे सोलर पैनल ही याद आते है। लोगों को लगता है कि सोलर पैनल लगवाने मात्र से ही वे ऊर्जा संरक्षण का कार्य कर रहे है। जबकि सोलर पैनल लगवाने के बाद उसका रखरखाव, पैनल के माध्यम से ऊर्जित विद्युत संबंधी जानकारी आदि का होना अत्यंत आवश्यक है।
ऊर्जा संरक्षण पर विस्तार पूर्वक चर्चा के दौरान डॉ. सुष्मिता ने छात्राओं को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण के लाभ व आवश्यकता से परिचित करवाया।
सेमीनार का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। डॉ. सुष्मिता का स्वागत महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने किया।
संचालन महाविद्यालय की एनसीसी कैडेट सिद्धि त्रिपाठी ने किया। सेमीनार में लगभग 200 छात्राओं तथा स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। अंत में आभार एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट नम्रता सावंत ने माना।