इम्यूनिटी, ब्लड, ब्लड कम्पोजिशन और लिम्फेटिक सिस्टम को विस्तार से समझाया डॉ. उषा गौर ने; महाविद्यालय को भेंट किया स्वरचित काव्य संग्रह 'उषा की उड़ान'

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 इम्यूनिटी दो प्रकार की होती है - एक इनेट इम्यूनिटी (Innate Immunity) और दूसरी अक्वाइअर्ड इम्यूनिटी (Acquired Immunity)। इनेट इम्यूनिटी जन्म से ही बच्चे को माँ के द्वारा मिलती है और अक्वाइअर्ड इम्यूनिटी को जन्म के बाद प्रसारित किया जाता है। 

उक्त विचार श्री उमिया कन्या महाविद्यालय के बायो-साइंस विभाग द्वारा IMMUNOLOGICAL STUDIES विषय पर आयोजित सेमीनार में वक्ता एवं अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. उषा गौर ने छात्राओं के बीच व्यक्त किये। 

डॉ. गौर ने ब्लड कम्पोजिशन के बारे मे बताते हुए कहा कि WBC हमारे शरीर को विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाता है। लिम्फेटिक सिस्टम भौतिक, रासायनिक या शारीरिक प्रतिक्रियाओं के कारण कोशिकाओं की पतली दीवारों से छनकर बाहर जाता है। डॉ. गौर ने IMMUNOLOGICAL STUDIES विषय पर छात्राओं को विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। 

सेमीनार का प्रारंभ में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। अतिथि स्वागत महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़, विभाग प्रमुख डॉ. साक्षी यादव ने किया। इस दौरान विभाग के डॉ. अर्चना शर्मा, डॉ. नेहा सेंगर, सहायक प्राध्यापक सोनाली शर्मा, आफ़रीन शेख, एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट नम्रता सावंत, आदि उपस्थित रहे। 

सेमीनार के दौरान डॉ. उषा गौर ने स्वरचित काव्य संग्रह "उषा की उड़ान" की प्रतियां महाविद्यालय ग्रंथालय को भेंट की। 

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