स्मार्ट पेनल से अब ना सिर्फ पढ़ाई के लिए चलचित्र का इस्तेमाल होगा बल्कि थ्री डी एनिमेशन और वीडियो फुटेज से पूरे अध्यापन कार्य को अधिक प्रभावी रूप दिया जा सकेगा। इससे छात्राएं सॉफ्टवेयर तकनीकों को ना सिर्फ समझ सकेंगी बल्कि अपने समय की बचत कर ज्यादा से ज्यादा एजुकेशनल एक्टिविटी में खुद को व्यस्त रख सकेंगी। इस तरह वे अपने स्मार्टफोन का उपयोग सोशल मीडिया, गेम्स से परे शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कर सकेंगे।
उक्त जानकारी प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने देते हुए बताया कि गत 1 सितंबर को महाविद्यालय संचालन समिति की बैठक में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए निर्णय लिया गया। परंपरागत शिक्षण पद्धति से आगे बढ़कर अत्याधुनिक साधनों का उपयोग कर शिक्षा और संस्कार प्रदान करने के उद्देश्य से निर्णय पारित होने के 10 दिनों में ही स्मार्ट बोर्ड महाविद्यालय मे लगने की तैयारियां पूर्ण हो गई है।
महाविद्यालय मे 2 कक्षों को स्मार्ट क्लासरूम में तब्दील किया गया है। अगले 2-3 दिनों में स्मार्ट पेनल का इंस्टालेशन होने वाला है। साथ ही शिक्षकों को स्मार्ट पेनल के प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन विडीयोज़ व अन्य सामग्री उपलब्ध करवा दी गई है।