शैक्षणिक भ्रमण के दौरान छात्राओं ने औषधीय पौधों के महत्व और उनकी विशेषताओं के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त की। ऐसे शैक्षणिक भ्रमण पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने में भी सहायक होते हैं।
श्री उमिया कन्या महाविद्यालय में औषधीय पौधे विषय का अध्ययन कर रही छात्राओं हेतु यह भ्रमण महू के केशर पर्वत पर आयोजित किया गया, जहां विशेषज्ञ डॉ. एस.एल. गर्ग ने छात्राओं को विभिन्न पौधों के औषधीय गुणों और उनके उपयोग के तरीके बताए। छात्राओं को तुलसी, आंवला, अश्वगंधा, नीम, लक्ष्मी तरु, रोजमेरी, कपूर, कार्तिक, एलोवेरा जैसे पौधों के औषधीय महत्व से अवगत कराया गया। डॉ. गर्ग ने बताया कि ये पौधे न केवल औषधि निर्माण में उपयोगी हैं, बल्कि इनका उपयोग घरेलू उपचार में भी किया जा सकता है।
भ्रमण के दौरान छात्राओं ने विभिन्न पौधों को करीब से देखा, उनकी पहचान करना सीखा और उनकी खेती और संरक्षण के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही, उन्हें यह भी बताया गया कि औषधीय पौधों का अति दोहन पर्यावरण और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
इस शैक्षणिक यात्रा का उद्देश्य छात्राओं में औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी विकसित करना था। छात्राओं ने इस अनुभव को बेहद प्रेरणादायक बताया और इसे अपनी शिक्षा के लिए उपयोगी माना।
इस शैक्षणिक भ्रमण में महाविद्यालय की 40 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। छात्राओं के साथ डॉ. सोनाली शर्मा एवं सहायक प्राध्यापक ज्योति राजपूत रही।