श्री उमिया कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को दिनांक 10 दिसंबर को शैक्षणिक यात्रा के तहत इंदौर के सीमा पर स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल पितृ पर्वत पर ले जाया गया।
ज्ञात हो कि, यहाँ विराजित पितरेश्वर हनुमान जी की 108 टन वजनी मूर्ति पवन पुत्र के भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है। 72 फीट ऊंची मूर्ति दूर से ही नजर आ जाती है। इस मूर्ति का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में किया था।
इस यात्रा का उद्देश्य मूर्ति निर्माण की बारीकियों को समझने, छात्राओं को एक धार्मिक यात्रा करने तथा पर्वत पर होने वाले लाइट एण्ड साउन्ड शो से अवगत कराना था। हनुमानजी के चारों ओर लगे हाइमास्क से रात में भी दिन जैसा दूधिया उजाला रहता है।
यहां पर लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी विशेष दिनों में होता है। इसके लिए जर्मन से विशेष दो करोड़ की लेजर लाइट मंगवाई गई थी।
पितरेश्वर धाम के व्यवस्थापक बताते हैं कि लेजर लाइट के जरिए हनुमानजी के प्रतिमा के सीने पर 7 रंगों में हनुमान चालीसा का चित्रमय वर्णन दिखाई देता है।
भ्रमण के दौरान छात्राओं ने 2 से 4 लाख पेड़ो का दृश्य देख पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा।
इस भ्रमण में महाविद्यालय में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट विषय का अध्ययन कर रही 56 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। भ्रमण के दौरान डॉ. सीमा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक स्वाति साहू एवं सहायक प्राध्यापक पूजा परमार छात्राओं के साथ रही।
महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने बताया कि इस प्रकार की शैक्षणिक यात्राएं छात्राओं के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं। छात्राओं ने इस यात्रा का भरपूर आनंद लिया और इसे एक यादगार अनुभव बताया।