वार्षिकोत्सव: छात्राओं ने 50 के दशक से अब तक के गानों के साथ सम्पन्न की गायन प्रतियोगिता

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 ये रातें, ये मौसम... देखा एक ख्वाब तो... कोई कैसे उन्हे समझाए... प्यार दीवाना होता है... जैसे गीतों के साथ वार्षिकोत्सव के तहत आयोजित गायन प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। छात्राओं ने 1950 के दशक से लेकर अब तक के लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न कक्षाओं की छात्राओं ने भाग लिया और अपनी सुरीली आवाज़ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

ज्ञात हो कि श्री उमिया कन्या महाविद्यालय में 8 से 13 फरवरी तक वार्षिकोत्सव के अंतर्गत विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

आयोजन में निर्णायक के रूप में सन्मति स्कूल की संगीत अध्यापिका अमिता बनर्जी एवं गायक पंकज सिंह सोलंकी उपस्थित थे। 

प्रतियोगिता में B.Sc. तृतीय वर्ष की छात्रा कु. भूमिका दिनेशजी शर्मा ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से पहला स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कोई कैसे उन्हे समझाए गीत प्रस्तुत कर निर्णायकों और दर्शकों का दिल जीत लिया। 

B.Com. प्रथम वर्ष की छात्रा कु. वर्षा शांतिलालजी पाटीदार ने "पल-पल दिल के पास तुम रहती हो" गीत प्रस्तुत कर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि BA तृतीय वर्ष की छात्रा कु. शिवानी रामचन्द्र सोलिया को "सपने रे सपने रे हो जाना रे सच" गीत की प्रस्तुति देकर तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।

गायन प्रतियोगिता का आयोजन सांस्कृतिक प्रमुख सहायक प्राध्यापक जया चौधरी, डॉ. चुनौती साल्वी, डॉ. प्रियंका मालवी एवं सहायक प्राध्यापक दीक्षा पटेल के निर्देशन में किया गया। 

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