आज का यह आयोजन केवल इतिहास को स्मरण करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमारे समक्ष एक ऐसे चरित्र को प्रस्तुत करता है जिसने अपने समय में नारी सशक्तिकरण, न्यायप्रिय शासन, और समाजसेवा की अनूठी मिसाल कायम की। देवी अहिल्या बाई होल्कर न केवल एक सक्षम शासिका थीं, बल्कि वे एक ऐसी दूरदर्शी थीं जिन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए कार्य किया – चाहे वह धर्म हो, शिक्षा हो, या बुनियादी सुविधाओं का विकास।
उक्त विचार पुण्य श्लोका देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जन्मजयंती के उपलक्ष्य में श्री उमिया कन्या महाविद्यालय में आयोजित वेबीनार में वरिष्ठ शिक्षाविद एवं समाजसेविका सुश्री वीणा पैठणकर ने व्यक्त किए। उन्होंने अपने उद्बोधन में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि, देवी अहिल्या बाई, एक ऐसी नारी जिन्होंने पति की मृत्यु के पश्चात हार मानने के बजाय शासन की बागडोर अपने हाथों में ली और वर्षों तक प्रजा के कल्याण हेतु दिन-रात कार्य किया। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि नारी यदि ठान ले, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता की ऊँचाइयों को छू सकती है।
श्री उमिया कन्या महाविद्यालय में आज देवी अहिल्या बाई होल्कर की जीवन यात्रा पर आधारित एक प्रेरणादायक वेबीनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की महान महिलाओं में से एक, अहिल्या बाई होल्कर के संघर्ष, सेवा और नेतृत्व के गुणों से अवगत कराना था।
इस वेबीनार में महाविद्यालय के शिक्षकों एवं छत्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने देवी अहिल्या बाई के जीवन से जुड़े प्रश्न पूछे और उनके विचारों को आधुनिक समाज में लागू करने पर चर्चा की।
वेबीनार का संचालन सहायक प्राध्यापक नम्रता सावंत ने किया। सभी प्रतिभागियों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रेरणादायक कार्यक्रम युवाओं में सकारात्मक सोच और देशप्रेम की भावना जागृत करते हैं।वेबीनार प्रारंभ होने के पूर्व उपस्थित छात्राओं को देवी अहिल्या बाई होल्कर की जीवन यात्रा से जुड़ी शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
वेबीनार गूगल मीट प्लेटफ़ॉर्म पर सम्पन्न हुआ।