१७ सितंबर २०२५। "भारतीय ज्ञान परंपरा केवल इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर है, जो भविष्य की पीढ़ियों को दिशा प्रदान करती है।" इसी भाव के साथ श्री उमिया कन्या महाविद्यालय, रंगवासा (राऊ) द्वारा दिनांक 17 सितंबर 2025 को भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व डाॅ. दीपा रानी वत्स एवं प्राध्यापक रश्मि गौतम ने किया।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्राओं को हमारी प्राचीन सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर के संरक्षण, पुनर्जीवन और प्रचार से अवगत कराना था, ताकि वे ज्ञान-विज्ञान, कला, दर्शन और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में भारतीय योगदान को समझ सकें और अपने ज्ञान व व्यक्तित्व विकास में उसे आत्मसात कर सकें।
प्रदर्शनी में भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध पहलुओं को दर्शाती पुस्तकें प्रस्तुत की गईं—
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महान व्यक्तित्वों की जीवनियाँ 
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योग और स्वास्थ्य संबंधी ग्रंथ 
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नैतिक मूल्यों पर आधारित साहित्य 
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चिकित्सा और व्याकरण से जुड़ी कृतियाँ 
मुख्य बिंदु:
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ज्ञान का संरक्षण और पुनर्जीवन 
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समग्र दृष्टिकोण 
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शिक्षा में व्यवहारिक परिवर्तन 
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अकादमिक और सामाजिक प्रयास 
कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्राध्यापक रश्मि गौतम ने कहा — "इस प्रकार के आयोजनों से शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन संभव है, जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास और समाज का उत्थान सुनिश्चित किया जा सकता है।"
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भारतीय ज्ञान परंपरा पुस्तक प्रदर्शनी 
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श्री उमिया कन्या महाविद्यालय शिक्षा विभाग 
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योग और स्वास्थ्य पर हिंदी पुस्तकें 
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नैतिक मूल्य और भारतीय साहित्य 
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भारतीय चिकित्सा और व्याकरण पर पुस्तकें 
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Indian Knowledge Tradition Exhibition 
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Education Department Events Indore 
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Academic and Cultural Heritage 
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