स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में भी 2024 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करेगा उच्च शिक्षा विभाग... नईदुनिया - 11.05.2022

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स्नातक के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उच्च शिक्षा विभाग स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में भी लागू करेगा। नीति को लेकर रूपरेखा बनाने में अभी सालभर और लगेगा। स्नातक की पहली बैच निकलते ही विभाग 2024 में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को नई नीति के दायरे में लाएगा। कोर्स पूरा करने के लिए विद्यार्थियों के पास तीन विकल्प रहेंगे, जिसमें एक व दो साल में कोर्स का पाठ्यक्रम चुनना होगा। फिलहाल विभाग ने कुछ विश्वविद्यालयों से राय मांगी है।

2021-22 सत्र से बीए, बीकाम और बीएससी सहित अन्य यूजी कोर्स में नई शिक्षा नीति लागू की गई, जिसमें स्नातक पाठ्यक्रम तीन से बढ़ाकर चार साल का कर दिया है। पहली बैच वाले विद्यार्थियों का कोर्स 2024 में पूरा होगा। इस दौरान नई नीति से एमए, एमकाम, एमएससी, एमएसडब्ल्यू, एसएसएचसी समेत अन्य कोर्स का सिलेबस बनाया जाएगा। नियमानुसार छात्र के तीन वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्स करने पर दो साल का स्नातकोत्तर करना होगा। जबकि आनर्स डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को एक साल का पीजी कोर्स करने की अनुमति होगी। वहीं कालेजों में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किए जाएंगे। छात्र-छात्राओं के पास तीन विकल्प रहेंगे। प्रवेश के दौरान ही विद्यार्थियों को कोर्स अवधि चुनना होगी।

अगस्त से सिलेबस की तैयारी

पीजी में भले ही शिक्षा नीति को लागू होने में अभी समय है, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग अभी से सिलेबस बनाने का विचार कर रहा है। साथ ही प्रत्येक वर्ष के मुख्य, मेजर-माइनर, स्पेशलाइज्ड विषय भी तय करना है। इसके लिए कालेजों से विषय विशेषज्ञों के नाम मांगे हैं। ताकि अगस्त से पीजी के लिए सिलेबस बनाने का काम शुरू किया जा सके, जिसमें प्रबंधन, कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय शामिल है।

मार्किंग भी होगी तय

विषय-सिलेबस के अलावा विभाग परीक्षा स्कीम और मूल्यांकन को लेकर नियम बनाएगा, जिसमें मुख्य और प्रैक्टिकल एग्जाम की मार्किंग तय होगी। उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डा. धीरेंद्र शुक्ला का कहना है कि पीजी में नई नीति लागू करने के लिए काम शुरू हो चुका है।

स्त्रोत - नईदुनिया 

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