क्या है स्कीम?
इसके अनुसार 12 अंकों के अति लघु उत्तरीय पूछे जाएंगे। कुल 3 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न चार अंक का रहेगा। वहीं लघु उत्तरीय कुल 4 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न 7 अंकों का होगा। कुल 28 अंकों के यह प्रश्न रहेंगे। वहीं 30 अंकों के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे। इसमें कुल 2 प्रश्न पूछे जाएंगे। हर प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस तरह कुल 9 प्रश्न होंगे। पर्चा 70 अंकों का होगा। इलेक्टिव, सिलेक्टिव सहित सभी पर्चों (वोकेशनल को छोड़कर) यही स्कीम लागू होगी।
मेजर, माइनर, ओपन इलेक्टिव आदि मिलाकर हर कोर्स में 8 से 9 पर्चे होंगे। वोकेशनल विषय भी अनिवार्य है। उसकी स्कीम अलग से जारी हो चुकी है।
जून में होना है एग्जाम, 23 अंक पास होने के लिए चाहिए
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की प्रथम वर्ष की एग्जाम जून में होना है। थ्याेरी के इस परचे में 70 अंकाें में से 23 अंक लाना अनिवार्य हाेगा।पर्चा तीन घंटे का रहेगा और मार्किंग का सिस्टम पहले जैसा ही
सबसे पहले एमपी में नई एजुकेशन पॉलिसी लागू हुई है। इसलिए यह सभी जानकारी नई और अहम है। इसके तहत छात्र ग्रेजुएशन में चार साल का कोर्स पढ़ेंगे। उन्हें पीजी, यानी पोस्ट ग्रेजुएशन एक साल का ही करना होगा। यूजी के तीसरे वर्ष का स्कोर 7.5 होने पर ही चौथे वर्ष में प्रवेश मिलेगा। इन छात्रों को चौथे वर्ष में रिसर्च मैथडलॉजी पढ़ना होगी।उन्हें रिसर्च डिग्री मिलेगी, जबकि दूसरा विकल्प ऑनर्स का है। जाे छात्र रिसर्च नहीं चुनेंगे, उन्हें चाैथे वर्ष में ऑनर्स की डिग्री मिलेगी।
नई एजुकेशन पॉलिसी में यूजी कोर्स में पहले साल में पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट मिलेगा। दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफिकेट या डिप्लोमा मिलेगा। वहीं तीसरे साल के बाद डिग्री मिलेगी।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि नई एजुकेशन पॉलिसी को पूरी पारदर्शिता के साथ गंभीरता से लागू किया जाए। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को विभाग से जो निर्देश जारी किए गए हैं उनका पालन सुनिश्चित किया जाए।
अब एनुअल एग्जाम सिस्टम से होगी परीक्षा
खास बात यह है कि पर्चे का टाइम तीन घंटे का ही रहेगा। मार्किंग सिस्टम भी पहले की तरह ही रहेगा। इसमें बदलाव नहीं किया गया है। पहली बार बीबीए और बीसीए को भी एनुअल एग्जाम सिस्टम में शामिल किया गया है।उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि नई एजुकेशन पॉलिसी को पूरी पारदर्शिता के साथ गंभीरता से लागू किया जाए। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को विभाग से जो निर्देश जारी किए गए हैं उनका पालन सुनिश्चित किया जाए।