"तस्मै श्री गुरुवे नमः" यह श्लोक तो आप बचपन से सुनते आ रहे है। माता और पिता इस दुनिया में पैदा होने वाले प्रत्येक जातक के प्रथम गुरु होते है। तत्पश्चात आपके स्वर्णिम करियर के लिए आपको सही दिशा देने वाले गुरुओं का नंबर आता है। इसलिए माता-पिता और गुरु का सम्मान करना करियर का प्रथम एवं आवश्यक अंग है।
उक्त विचार करियर काउन्सलर एवं कवि डॉ. श्याम सुंदर पलोड़ ने श्री उमिया कन्या महाविद्यालय मे आयोजित करियर काउन्सलिन्ग सेमिनार मे व्यक्त किए। महाविद्यालय द्वारा विद्यालयीन छात्राओं को 12वीं के बाद आगे के विकल्पों से मुखातिब करने के उद्देश्य से सेमिनार आयोजित किया गया था।
विद्यालयीन छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. पलोड़ ने कहा कि लक्ष्य का निर्धारण जरूरी है। इस हेतु खुली आँखों से सपने देखना चाहिए और उनकी पूर्ति के लिए पूरी लगन, निष्ठा और ईमानदारी से परिश्रम करना होगा। इन सभी के लिए दृढ़ संकल्प जरूरी है।
डॉ. पलोड़ ने कहा कि आप खुशकिस्मत है कि आप उमियाधाम मे है, वो उमियाधाम जो बेटियों की शिक्षा के लिए वर्ष 1998 से कार्य कर रहा है और कन्या शिक्षा के क्षेत्र मे एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। मुझे यह जानकर बड़ी खुशी हुई जब मुझे जब यह बताया गया कि उमिया कन्या महाविद्यालय की बेटियाँ सरकारी कार्यालयों मे, बैंक मे, प्रायवेट कंपनियों मे अपनी सेवाएँ दे रही है। इससे अच्छा करियर कुछ हो ही नहीं सकता।
डॉ. पलोड़ ने माँ और पिता पर लिखी अपनी कविता का पाठ करते हुए उपस्थित सभी छात्राओं को माता-पिता के त्याग, प्रेम और समर्पण से अभिभूत किया और कहा कि एक बेटी अपने माता-पिता का बेटे से ज्यादा ख्याल रखती है। शक्ति स्वरूपा नारी, देश सेवा, देश प्रेम आदि विषयों पर कविता पाठ करते हुए छात्राओं को देश के इतिहास, महापुरुषों के बलिदान, नारी की शक्तियों आदि से अवगत कराया।
प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ एवं उप-प्राचार्या श्रीमती सरिता शर्मा ने श्री रामचरित मानस व शाल-श्रीफल भेंट कर अतिथि स्वागत किया।
सेमिनार का संचालन सहायक प्राध्यापक दर्शा शर्मा ने किया। महाविद्यालय के समस्त विभागों, यथा- आर्ट्स, कॉमर्स, साइन्स, मेनेजमेंट द्वारा छात्राओं को महाविद्यालय मे संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी, भविष्य मे उनके scope, महाविद्यालय मे संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी गई। अंत मे आभार बायो-साइन्स विभाग इंचार्ज डॉ. साक्षी यादव ने माना।