देवी अहिल्या यूनिवर्सटी की बीएड और एमएड की पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं दिसंबर में हाेंगी। इस बार कॉपियां बाहर जांचने भेजी जाएंगी। यूनिवर्सिटी बीएड और एमएड के मूल्यांकन काे इस सत्र से पूरी तरह पारदर्शी सिस्टम के साथ नए सिरे लागू कर रही है। इसके तहत न केवल कॉपियां भाेपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सागर सहित अन्य जिलाें में भेजी जाएंगी, बल्कि एक बार मूल्यांकन के बाद रिजल्ट जारी हाेने से पहले उसकी समीक्षा भी हाेगी।
रिजल्ट कमजाेर आएगा ताे रेंडमली कुछ कॉपियां लेकर दाेबारा मूल्यांकन करवाया जाएगा, ताकि बाद में विवाद की स्थिति न बने। यूनिवर्सिटी जल्द इसे लेकर बड़ी बैठक भी करेगी, जिसमें तय हाेगा कि कैसे अन्य काेर्स की तरह बीएड-एमएड की मूल्यांकन प्रक्रिया भी बिना विवाद के मान्य हाे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी के अनुसार बीएड-एमएड के मूल्यांकन में काफी बदलाव करेंगे। न केवल कॉपियां जांचने बाहर भेजेंगे बल्कि देखेंगे कि मूल्यांकन में सारे बिंदुओं का पालन हुआ है या नहीं।इन बिंदुओं पर रहेगा फोकस
- मूल्यांकन के बाद फिर से देखा जाएगा कि कॉपियों में टाेटलिंग में गड़बड़ ताे नहीं है?
- काेई प्रश्न जांचने से रह ताे नहीं गया है?
- मूल्यांकन के दाैरान गाइडलाइन का पूरा पालन हुआ है या नहीं?
इसलिए पड़ी इसकी जरूरत
दाे साल में बीएड और एमएड के रिजल्ट पर सबसे ज्यादा हंगामा बरपा है। एमबीए, एमसीए, बीसीए, बीबीए, बीए एलएलबी, एलएलबी और एलएमएम जैसे प्राेफेशनल काेर्सेस में भी रिजल्ट काे लेकर कभी विवाद सामने नहीं आते। लेकिन बीएड और एमएड के लगभग हर रिजल्ट पर सवाल उठते हैं। बीएड और एमएड ही एकमात्र ऐसी परीक्षा है, जिसमें काेविड के दाैरान ओपन बुक सिस्टम से परीक्षा में भी 70 से 80% तक छात्र फेल हुए हैं, जबकि अन्य सारे काेर्स में ओपन बुक का रिजल्ट 80 से 99% तक रहा है। यानी महज 1 से 20% तक छात्र फेल हुए।---
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