ये तो सच है कि युवा किसी भी देश का भविष्य होता है और इन्हीं के कंधों पर देश का भविष्य निर्भर रहता है। परंतु तकनीक की इस 21वीं सदी में यदि युवाओं के कौशल उन्मुखीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया तो भारत अन्य देशों से पीछे रह जाएगा। स्वामी विवेकानंद ओजस्वी विचारों और आदर्शों के कारण ही सदैव युवाओं के प्रेरणास्रोत और आदर्श व्यक्त्वि के धनी माने जाते रहे हैं।
उक्त विचार स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के अवसर पर श्री उमिया कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन सेमीनार में सिम्बाइओसिस यूनिवर्सिटी (Symbiosis University) के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. कपिल शर्मा ने व्यक्त किए।
डॉ. शर्मा ने कहा कि आज पूरी दुनिया AI तकनीक की ओर अग्रसर है, जो काम पारंपरिक तरीकों से कुछ घंटों और दिनों में पूर्ण होता था वो इस तकनीक के माध्यम से कुछ मिनटों में ही पूर्ण हो पा रहा है। आमजन को तकनीक के आने से अपनी नौकरी और पेशा खत्म होने का डर सताता है, पर यह सोच गलत है। तकनीक के आने से काम आसान हो जाएगा पर तकनीक को कमांड देने और कमांड करने वाला भी कोई व्यक्ति ही रहेगा। अब युवा को तकनीक आधारित कौशल पर फोकस करना होगा। यह युवा जितना प्रतिभाशाली होगा, उतना ही तेजी से देश का विकास संभव होगा।
गूगल मीट के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय प्रमुख डॉ. अस्मिता जैन ने किया तथा अतिथि स्वागत महाविद्यालय उपप्राचार्या डॉ. सरिता शर्मा ने किया। महाविद्यालय परिवार ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और वक्ता का आभार व्यक्त किया।
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