रंगोली भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल सौंदर्य बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक होती है। महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव 'SPECTRUM 2025' में रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं ने अपनी रचनात्मकता और कलात्मक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। इसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और रंगों के माध्यम से सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदेश दिए।
श्री उमिया कन्या महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव 'SPECTRUM 2025' के अंतर्गत विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन 8 से 13 फरवरी तक किया जा रहा है। भारतीय कला और संस्कृति के प्रति छात्राओं को अपनी रुचि प्रदर्शित करने के उद्देश्य से वार्षिकोत्सव के प्रथम दिवस (8 फरवरी) को रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में 10 छात्राओं ने भागीदारी की। प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय परिसर में किया गया, जिसमें छात्राओं ने रंग-बिरंगी और आकर्षक रंगोलियां बनाई।
प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में Pidilite की एक्सपर्ट फेकल्टी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की गेस्ट फेकल्टी तथा फ्रीलैन्स आर्टिस्ट राखी गुप्ता उपस्थित थी। इस अवसर पर निर्णायक श्रीमती गुप्ता ने कहा कि,
सभी रंगोलियां अद्भुत थीं, और छात्राओं ने अपनी कल्पनाशीलता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह देखकर खुशी होती है कि नई पीढ़ी हमारी पारंपरिक कलाओं को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर रही है।
अवलोकन के दौरान महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने छात्राओं के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि,
रंगोली न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी रचनात्मकता को भी उजागर करती है। छात्राओं ने अपनी कला के माध्यम से बेहतरीन संदेश प्रस्तुत किए हैं, जो प्रेरणादायक हैं।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान B.Com. तृतीय वर्ष की छात्रा कु. खुशी केदारजी पटेल ने प्राप्त किया, वहीं द्वितीय स्थान B.Sc. तृतीय वर्ष की छात्रा कु. रंजिता सखारामजी दाँगी ने प्राप्त किया। तीसरा स्थान BBA द्वितीय वर्ष की छात्रा कु. अतिभा अर्जुनजी पाटीदार ने प्राप्त किया। द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया जबकि प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा को वार्षिकोत्सव के समापन अवसर दिनांक 14 फरवरी को आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन सांस्कृतिक प्रमुख सहायक प्राध्यापक जया चौधरी, डॉ. विभा सोनी, सहायक प्राध्यापक रुखमणी सल्लाम एवं सहायक प्राध्यापक उषा सरोज के निर्देशन में किया गया।