संस्कार और परंपरा युक्त शिक्षा देना प्रत्येक शिक्षक की महती जिम्मेदारी - डॉ. स्वागत गुप्ता; शिक्षक सम्मान समारोह-2023 सम्पन्न

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इस तकनीकी युग मे विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान से अवगत कराने के लिए पारंपरिक शिक्षण पद्धति को अद्यदित करना आवश्यक है। शिक्षक माता-पिता से भी बढ़कर होते है और उमियाधाम में तो शिक्षकों का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ अधिकतर बेटियाँ माता-पिता से दूर होस्टल में निवासरत है। साधारणतया कहा जाता है कि आजकल के विद्यार्थी पहले की तरह शिक्षकों का सम्मान नहीं करते। ऐसा नहीं है, परंतु इस पंक्ति पर प्रत्येक शिक्षक को आत्म चिंतन करना आवश्यक है। 

उक्त विचार श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह-2023 में मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित वरिष्ठ शिक्षाविद एवं मध्य प्रदेश शासन की NAAC फेसिलिटेटर डॉ. स्वागता गुप्ता ने कही। 

डॉ. गुप्ता ने कहा कि आप जितना पारंपरिक शिक्षण करते है, वह सब सुगमता से गूगल पर उपलब्ध है। आपको तकनीक का प्रयोग करते हुए इंटरेक्टिव बनाना आवश्यक है। तकनीक ने कक्षाओं की आवश्यकता को लगभग खत्म कर दिया है, जिसका प्रमाण कोविड़ काल के दौरान हमको देखने को मिला। अब हम सबकी महती जिम्मेदारी है कि हम कक्षाओं को जीवित रखे। 

भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 'शिक्षक दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित 'शिक्षक सम्मान समारोह - 2023' में श्री उमिया कन्या महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक सदस्यों सहित यातायात विभाग एवं होस्टल सदस्यों का सम्मान किया गया।

ट्रस्ट अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम मुकाती एवं शिक्षाविद डॉ. स्वागता गुप्ता के मुख्य आतिथ्य तथा ट्रस्टीगण श्री नंदकिशोर नारोलिया, श्री ओमप्रकाश सेठ, श्री सतीश राव, श्री कैलाश पाटीदार, श्री रमेशचंद्र सुले, श्री गणेश मुकाती, श्री युवराज पाटीदार, श्री महेंद्र पाटीदार, श्रीमती इंदिरा पाटीदार, श्री वासुदेव भूत, श्री बाबूलाल भूत, श्री द्वारकाप्रसाद मंडले जी की गरिमामयी उपस्थिति में शिक्षकों के सम्मान के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। 

ट्रस्ट अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम मुकाती ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि जितनी आवश्यकता उमियाधाम को प्रत्येक ट्रस्टी की है, उतनी ही आवश्यकता कन्या शिक्षा के उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु शिक्षकों की है। वर्ष 1996 से बेटियों की शिक्षा के लिए पूरा ट्रस्ट कार्य कर रहा है और बेटियों में संस्कार और परंपरायुक्त शिक्षा देने का कार्य आपके द्वारा किया जा रहा है। आज उमियाधाम जिस मुकाम पर है, वह हम सबके द्वारा किए गए संयुक्त कार्यों को परिणाम है। आप सब अपने स्तर पर अच्छे से अच्छा कार्य करते रहे और हम सब आपको आपके कार्यों हेतु सुविधा मुहैया कराने का कार्य अच्छे से करते है ताकि उमियाधाम भविष्य में इससे भी कई अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें। 

समारोह के दौरान प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने अपने शोधार्थी की थीसिस की एक प्रति महाविद्यालय लाइब्रेरी को प्रदान की। 

कार्यक्रम में महाविद्यालय संचालन समिती अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सेठ, उपाध्यक्ष श्री युवराज पाटीदार, सचिव श्रीमती इंदिरा पाटीदार, विद्यालय संचालन समिती के अध्यक्ष श्री बाबूलाल भूत, श्री गणेश मुकाती एवं प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने भी संबोधित किया। समारोह में डॉ. विभा सोनी एवं सहायक प्राध्यापक विभा छाजेड़ ने गुरु की महिमा का बखान करते गीतों की प्रस्तुति दी। अंत में उपस्थित समस्त ट्रस्टीगण एवं स्टाफ सदस्यों का आभार डॉ. सरिता शर्मा ने माना। 

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