विद्यार्थी जीवन में शिक्षा एवं संस्कार का बड़ा महत्व है। बिना शिक्षा और संस्कार के यह जीवन नगण्य है। बिना अनुशासन के शिक्षा और बिना सम्मान किए संस्कार प्राप्त नहीं किया जा सकता। सही मार्ग दिखाने के लिए गुरु की, सद्गुणों के विकास हेतु परिवार की, सुख-दु:ख बांटने के लिए समाज की, आलोचना कर सही मार्ग प्रशस्त करने हेतु सच्चे मित्र की आवश्यकता होती है। जीवन के इन अदृश्य पहलुओं पर ध्यान आकर्षण के लिए लिखी गई किताब निश्चित रूप से छात्राओं को एक सकारात्मक संदेश प्रदान करने का काम करेगी।
उक्त विचार प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने आज राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर श्री उमिया कन्या महाविद्यालय प्रांगण में स्थापित बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान व्यक्त किए।
श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम मुकाती द्वारा संकलित एवं छात्राओं को नि:शुल्क वितरित की गई पुस्तक 'विद्यार्थी जीवन में शिक्षा एवं संस्कार - जीवन की आधारशीला' पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। प्रतियोगिता ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें 125 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान B.Sc. Micro प्रथम वर्ष की छात्रा कु. मनीषा नवल सिंह बारिया ने प्राप्त किया। द्वितीय व तृतीय स्थान कु. खुशी राकेश पांचाल, कु. राधिका चिंतेश पाटीदार, कु. सोनल देवनारायण पाटीदार, कु. मुस्कान अखिलेश पटेल एवं कु. हंसा सुनील पाटीदार ने प्राप्त किया।
डॉ. छाजेड़ ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली ऐसी पुस्तकों का पठन सुनिश्चित करना है। ताकि डिजिटल क्रांति के इस युग में अप्रत्यक्ष रूप से पैर पसार रही नकारात्मकता पर सकरात्मकता की एक लौ प्रकाशित की जा सकें।
प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही छात्राओं को नगद पुरस्कार एवं प्रतिभागी समस्त छात्राओं को डिजिटल सर्टिफिकेट शीघ्र जारी किए जाएंगे। छात्राओं को अपने रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी पर ही प्रमाण पत्र प्रेषित किए जाएंगे।