देश के निर्माण मे शुरू से ही महिलाओं का बड़ा योगदान रहा और आगे भी रहेगा - विंग कमांडर सुभाष कृष्ण चितले; उमियाधाम परिवार ने ज़ोर-शोर के साथ मनाया 76वां स्वतंत्रता दिवस

0

आप देश का इतिहास उठाकर देखेंगे तो पाएंगे कि देश के निर्माण मे महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है। जिस प्रकार हमने भारतीय वायु सेना मे अपने दायित्वों का निर्वहन किया है उसके समतुल्य उमियाधाम परिवार बेटियों की शिक्षा के क्षेत्र मे इतना वृहद कार्य कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। आज भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर 76वें वर्ष मे प्रवेश किया है। आप आने वाले कल का भविष्य है, मेरे भारत का भविष्य है। लड़कियों को अवसर मिले तो वो क्या नहीं कर सकती। आपके महाविद्यालय की NCC कैडेट सोनिका जाट ने 16 हजार 500 फीट ऊंची चोटी पर आरोहण कर आपके अंदर की ताकत को बता दिया है। 


उक्त विचार आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर आयोजित स्वतन्त्रता दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित विंग कमांडर एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसर सुभाष चन्द्र चितले ने व्यक्त किए। श्री चितले ने जीवन मे सफलता हेतु स्टेप-बाय-स्टेप आगे बढ़ने के टिप्स दिये। 

श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री उमिया कन्या महाविद्यालय मे आयोजित कार्यक्रम मे जहां भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर एवं रिटायर्ड प्रोफेसर श्री सुभाष चन्द्र चितले मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित हुए। 

वहीं विशेष अतिथि के रूप मे प्रोफेसर (कोर्पोरल) श्री जगदीश सिंह सिसोदिया एवं भारतीय वायु सेना मे विभिन्न पदो पर दायित्वों का निर्वहन कर चुके श्री रमेश बाबू विद्यार्थी, राऊ नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती पप्पी विजय पाटीदार एवं ग्राम पंचायत रंगवासा की सरपंच श्रीमती ममतेश प्रवीण चौहान उपस्थित रहे। 

सन 1971 के युद्ध मे पाकिस्तान के 93000 सैनिको का भारतीय सेना के आगे आत्मसमर्पण पूरे विश्व के इतिहास मे ना भूतो ना भविष्यति - श्री सिसोदिया


कार्यक्रम मे विशेष अतिथि के रूप मे उपस्थित प्रोफेसर (कोर्पोरल) श्री जगदीश सिंह सिसोदिया ने NCC कैडेट्स के अंदर के जोश को जानने के लिए मंच से पूछा How is the Josh... और दर्शक दीर्घा से दहाड़ती हुई आवाज़ आई - Josh is High Sir... तत्पश्चात श्री सिसोदिया ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के उन तेरह दिनों का संस्मरण पूरे सभाग्रह के सामने रखा। 

दिनांक 3 दिसंबर से प्रारम्भ हुआ युद्ध 16 दिसंबर 1971 तक चला। मै नंबर 2, कंट्रोल सेंटर शिलोंग मे पदस्थ था। मेरी बेटी उस विभाग मे थी जहां से लड़ाकू विमानों को कंट्रोल किया जाता था। उस युद्ध मे पाकिस्तान ने भारत का और भारत ने पाकिस्तान का बहुत नुकसान किया। 13 दिसंबर को युद्ध का रुख एकदम बदल गया। मै कम्युनिकेशन विभाग का इंचार्ज था। उस दिन कोंफिडेंशियल इन्फोर्मेशन प्राप्त हुई। जानकारी कोडिंग मे होती थी। मैंने आगे पास की। पाकिस्तान के गवर्नर हाउस मे मीटिंग चल रही थी। सभी बड़े नेता, कोरपोरेट्स, सेना के अधिकारी उस मीटिंग का हिस्सा थे। जिस बिल्डिंग मे मीटिंग चल रही थी कुछ ही समय बाद उस पर बमबारी की गई। परंतु उस बिल्डिंग को कोई नुकसान नहीं हुआ। फिर तत्कालीन एयर मार्शल ने डिसिशन लिया कि बिल्डिंग के ऊपर नहीं, बल्कि उसके खिड़की दरवाजो पर हमला किया जाये और कुछ ही देर मे वह बिल्डिंग ढेर हो गई। गवर्नर और अन्य अधिकारी बिल्डिंग छोडकर भाग खड़े हुए। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिको ने अपने शस्त्र भारतीय सेना के सामने रखकर आत्मसमर्पण किया। इतना बड़ा सरेंडर भारत क्या पूरे विश्व के इतिहास मे ना कभी हुआ है और ना ही भविष्य मे कभी होगा। 

उक्त वृत्तांत बताते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं उन तेरह दिनों का हिस्सा रहा। उन्होने एक शिक्षक होने के नाते छात्राओं से अनुरोध किया कि जीवन मे कोई भी काम करें, उसमे Positiveness होनी चाहिए। Negative Thinking की आज के युग मे कोई जगह नहीं है। 

अंत मे श्री सिसोदिया ने देश मे युवाओं के महत्व के बारे मे बताया। उन्होने कहा कि इस संसार मे जितने भी देश है, उनमे सबसे ज्यादा युवा वर्ग केवल भारत मे है। युवाओं को खुद को पहचानना होगा, अपने अंदर की ताकत को जानना होगा। भारत के भविष्य का जिम्मा आपके कंधो पर ही है। मातृभूमि, देश के लिए आपके अंदर जज्बा होना चाहिए। आप जो भी काम करें, उसके पीछे NATION FIRST ध्येय होना चाहिए। 

जिन्होने अंग्रेजों से झण्डा छीना, उनको कोटिशः नमन - श्री विद्यार्थी 

कार्यक्रम मे विशेष अतिथि के रूप मे उपस्थित रिटायर्ड कनिष्ठ वारंट अधिकारी श्री रमेश बाबू विद्यार्थी ने श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मुझमे - तुझमे बस भेद यही कि हमने यूनिफ़ोर्म पहन कर युद्ध लड़े और आप बेटियों की सेवा और शिक्षा देने का काम कर रहे है, जो किसी युद्ध से कम नहीं। 


श्री विद्यार्थी ने कहा कि आजादी के इस महोत्सव मे यह विरला संयोग ही है कि आज भारतीय वायु सेना से रिटायर्ड तीन शख्सियत आपके बीच मे उपस्थित है। वर्ष 1965 व 1971 युद्ध के दौरान आज के मुख्य अतिथि श्री सुभाष चन्द्र चितले टेक्निकल ऑफिसर थे। युद्ध मे उपयोग मे आने वाले लड़ाकू विमान हेतु हर जवान को श्री चितले जी से संपर्क साधना पड़ता था। वर्ष 1971 के युद्ध के WAR HERO श्री जगदीश सिंह सिसोदिया ने दुश्मनों को धूल चटा दी। 

यूं तो इस तिरंगे को हम सब जानते है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हर घर झण्डा - हर घर तिरंगा जैसे अभियान के हम साक्षी बने है। पर अमृत महोत्सव के दौरान ही इस तिरंगे की असली पहचान भी देखने को मिली। रशिया - यूक्रेन युद्ध के दौरान जिस गाड़ी पर भारत का झण्डा लगा होता था, उस गाड़ी को किसी भी चेकपोस्ट पर नहीं रोका गया। यह अपने आप मे गर्व की बात है। 

श्री विद्यार्थी ने सम्बोधन के दौरान कहा कि आपके महाविद्यालय की छात्राएँ Well Disciplined और Highly Performer है। आपने अपने विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार दिये। ये कही भी जाते है तो उमियाधाम का नाम रोशन करते है। श्री विद्यार्थी ने छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि आपके साथ देश, प्रदेश, शहर, जन्मभूमि, जन्मदाता और उमियाधाम की साख जुड़ी है। आप जो कार्य करेंगे उसका सीधा श्रेय इन सबको जाने वाला है। इसलिए जीवन मे जो काम करे सोच-समझ कर करें। 

ध्वजारोहण के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ 

 


स्वतन्त्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ। मुख्य अतिथि श्री चितले ने ध्वजारोहण कर NCC कैडेट्स को भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने, अनुशासित एवं जिम्मेदार नागरिक बनने तथा निस्वार्थ भाव से सामुदायिक सेवा करने की शपथ दिलाई। ध्वजारोहण पश्चात सभी ने भारत माता की जय के जयकारों के साथ राष्ट्रगान गाया। 

तिरंगा यात्रा के साथ ऑडिटोरियम पहुंची छात्राएँ


ध्वजारोहण के पूर्व महाविद्यालय से ऑडिटोरियम तक तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमे महाविद्यालय की NCC कैडेट्स ने, NSS स्वयंसेवको ने एवं आजादी की 76वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने आई समस्त छात्राओं ने भाग लिया। यात्रा मे भारत माता की जय, जय जवान - जय किसान, स्वतन्त्रता दिवस - अमर रहे, जैसे जोशीले नारों के साथ छात्राएँ कदम ताल मिलाएँ चल रही थी। यात्रा का एक सिरा विद्यालय प्रांगण पर था तो अंतिम छोर महाविद्यालय परिसर पर। 

महाविद्यालय की NCC कैडेट एवं पर्वतारोही सोनिका जाट को प्रशस्ति पत्र भेंट 


स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य मे आयोजित कार्यक्रम मे महाविद्यालय की छात्रा, NCC कैडेट एवं पर्वतारोही कु. सोनिका जाट को हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग से बेसिक माउंटनीरिंग कोर्स "ए" ग्रेड के साथ पूर्ण करने पर उपस्थित मुख्य अतिथि श्री सुभाष चन्द्र चितले, विशेष अतिथि श्री जगदीश सिंह सिसोदिया एवं श्री रमेश बाबू विद्यार्थी तथा महाविद्यालय संचालन समिति अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सेठ, सचिव डॉ. रामकृष्ण पाटीदार, सदस्य श्रीमती इन्दिरा पाटीदार, श्री युवराज पाटीदार, प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़, उप-प्राचार्या श्रीमती सरिता शर्मा ने प्रशस्ति पत्र भेंट किया। इस दौरान सोनिका के माता-पिता को भी सम्मानित किया गया। 

प्रशस्ति पत्र का वाचन प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़ ने किया। साथ ही विशेष अतिथि श्री रमेश बाबू विद्यार्थी ने सोनिका की लगन, कम उम्र मे पर्वतारोहण के सफलतम प्रयास की सराहना करते हुए व्यक्तिगत भेंट भी प्रदान की तथा कहा कि जिस माउंट रेनोक की 16500 फीट ऊंचाई को सोनिका ने छुआ है, उसकी कठिनाई को मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता क्योकि मैंने स्वयं उसी जगह पर ड्यूटी की है। 

ट्रस्ट, विद्यालय एवं महाविद्यालय सदस्यों ने किया अतिथियों का सम्मान 


उक्त कार्यक्रम मे उपस्थित अतिथिगण का सम्मान श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम मुकाती, उपाध्यक्ष श्री नंदकिशोर नारोलिया, महाविद्यालय संचालन समिति अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सेठ, सचिव डॉ. रामकृष्ण पाटीदार, श्रीमती इन्दिरा पाटीदार, श्री युवराज पाटीदार, श्री शेखर पाटीदार; विद्यालय संचालन समिति अध्यक्ष श्री बाबूलालजी भूत, छात्रावास समिति अध्यक्ष श्री शिवनरायाण पाटीदार, श्री कपिल जी पाटीदार; यातायात समिति अध्यक्ष श्री कैलाशचंद्र पाटीदार, महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा छाजेड़, उप-प्राचार्या श्रीमती सरिता शर्मा, विद्यालय (CBSE) प्राचार्या श्रीमती बबीता हार्डिया, (MP Board) प्राचार्या श्रीमती माधुरी शर्मा ने किया। 




जब हम छोटे थे तो पता ही नहीं था आजादी क्या होती है - श्री मुकाती 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अंबिका पाटीदार समाज धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम मुकाती ने कहा कि जब सन 1947 मे आजादी मिली जब मेरी उम्र मात्र 2 वर्ष थी। 2 वर्ष की अल्पायु मे सबके मुह से सुनते थे कि आज़ादी मिलने वाली है, कल हम आज़ाद हो जाएंगे तो समझ ही नहीं आता था कि क्या हो रहा है? फिर थोड़े बड़े हुए तो हमे उदाहरण देकर हमारे शिक्षकगण और परिवारजनों ने समझाया कि कैसे हमे अंग्रेजों के चंगुल से आजादी मिली है। 


ट्रस्ट द्वारा चलाये जा रहे प्रकल्पों की जानकारी देते हुए छात्राओं से अनुरोध किया कि उमियाधाम आपकी सेवा मे कोई कसर नही छोड़ रहा है। आप भी अपनी पढ़ाई मे कोई कसर मत छोड़ो। आज हर क्षेत्र मे प्रतिस्पर्धा बहुत है। आपको मात्र पढना नहीं है, बहुत लगन और निष्ठा के साथ पढ़ना है ताकि आप परीक्षा मे अच्छे अंक ला सको। 

शहीदों की शहादत को गीत गाकर, तो क्रांतिकारियों के बलिदान को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया 


महाविद्यालय की छात्राओं ने अपने रंगमंच कौशल का बखूबी प्रमाण प्रस्तुत किया। छात्रा अंजली जावरिया ने ए मेरे वतन के लोगो... गीत गाकर पूरे सदन की आँखों को नम किया तो वही कु. रितुबाला शर्मा ने ओ देस मेरे... तेरी शान पे सदके... गीत की प्रस्तुति देकर सैन्य जवानों के अन्तर्मन मे निहित देशभक्ति विचारधारा को साझा किया। 

वही कई छात्राओं ने योगा और एरोबीक्स की प्रस्तुति देकर महाविद्यालय की संस्कृति का मंचन किया। 


अपने बेबाक अंदाज मे कार्यक्रम का संचालन एडमिनिस्ट्रेटर सुश्री संगीता पाटीदार ने किया। अंत मे आभार विद्यालय समिति के अध्यक्ष श्री बाबूलाल भूत ने माना। कार्यक्रम पश्चात हॉस्टल परिसर मे सहभोज का आयोजन भी किया गया। 

कार्यक्रम के Geo-Tagged फोटोग्राफ  

   


   

  

  

   

   


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)
To Top